Sunday, July 31, 2011

कभी खुद से पहचान,
कभी अनजान हूँ मैं,


कभी सपनो से पूर्ण,
कभी अधूरा ख्वाब हूँ मैं,


कभी उडती तितली,
कभी टूट चुके पंख वो परिंदा हूँ मैं,


कभी संगीतमय बांसुरी,
कभी बिखरी लय ताल हूँ मैं,


कभी हर जवाब,
कभी खुद के लिए सवाल हूँ मैं.

Sunday, July 24, 2011

पास अपने आना चाहती हूँ


दूर कहीं सबसे जाना चाहती हूँ,
खुले आसमां के तले बैठना चाहती हूँ,
जहा हवा की बयार मन को बहलाए,
सागर की लहरें दिल को छू जाए,
बस चिड़ियों की चहक,फूलो की महक हो जहा,
कोई पहचाना चेहरा ना हो वहा,
मुझे ना खबर हो जहा दिन और रात की,
बातें ना हो जहा झूठे जज़्बात की,
रिश्तो के नाम पे जहा ठगी ना हो,
खंज़र किसी के दिल पे प्यार की लगी ना हो,
जहा मैं अपनी हसी सुन पाऊ,
अपने अश्को की बूँद गिन पाऊ,
अपनी साँसों की महक पाना चाहती हूँ,
दूर सबसे पर पास अपने आना चाहती हूँ,
दूर कहीं सबसे जाना चाहती हूँ

Monday, July 18, 2011

लिखने बैठे ख़ुशी,
हर बार कलम
तन्हाई लिख गई,
बेवफा ना थे हम कभी,
उनकी नजरो में अपनी बेवफाई दिख गयी,
मेरे उनकी ओर बढ़ते कदम ना देखे उन्होंने,
हमारे बीच की उन्हें पर गहराई दिख गयी,
अलविदा कह कर चल दिए वो,
जैसे जानते ही ना थे,
उनके जाने के बाद
हम जैसे खुद को पहचानते ही ना थे,
देखा एक रोज़ खुश उनको
हम खुद को पहचानने लग गये,
तन्हा हैं फिर भी हम,
अपने को संभालने लग गये.

Thursday, July 14, 2011

काश दिल में भी एक दिल होता

काश दिल में भी एक दिल होता,
पनप सकते उसमे भी कुछ एहसास,
दिल किसी का तनहा न होता,
हो सकती दिल की दिल से बात,
एक दिल उदास होता,
दूसरा उसपर खुशियाँ लुटाता,
एक टूट भी जाता दर्द से कभी,
दूसरा मरहम लगाता,
खुश होते दोनों
मिलकर जश्न मनाते,
साथ हँसते कभी,
कभी दिल भर के खिलखिलाते,
काश दिल में भी एक दिल होता,
पनप सकते उसमे कुछ एहसास.